नागपुर से (१) लार्ड बुद्ध, (२) महाबोधी और (३) आवाज इण्डिया ऐसी ३ टिव्ही चैनल चालू हुयी है, बुद्ध आंबेडकर के नामपर हिन्दुधर्म के विचारों का प्रचार करती है, क्या खाख आंबेडकर साहब का सपना साकार करेगी? समाज से धन बटोरने के काम को कोई धम्म प्रचार कह सकते है?
क्या महायान या हीनयान पंथ बुद्ध धम्म है? क्या बुद्ध ने त्रैलोक्य महासंघ की शिक्षा दी थी? क्या बुद्ध ने विपस्सना का प्रचार करने का आदेश सत्य नारायण गोयनका को दिया था? क्या बुद्ध ने पंचशील की शिक्षा दी थी? क्या बुद्ध, भगवान या लार्ड थे? जिसे बढ़चढ़कर प्रचारित किया जा रहा है, जिसमे ना वैज्ञानिक विचारधारा है और न जनतंत्र, जिन्हें अम्बेडकर साहब के विचारों के बारे में और उनके उद्धेश के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं ऐसे लोग धम्म प्रचार के नामपर भ्रमित करने के शिवाय और क्या करेंगे?
इलेक्ट्रानिक मिडिया होना अच्छी बात है पर उसका फ़ायदा लेना तो आना चाहिए, बन्दर है पर उसे नचाना तो आना चाहिए? नहीं तो बन्दर हमें नचाए तो हमारे बुद्धि का होने में कोई मतलब है? इन ३ टिव्ही चैनल का बौद्धों को क्या फ़ायदा हुआ? क्या यह टिव्ही देखनेवालों को बुद्धधम्म समझ गया? क्या अब बे खुद धम्म प्रचार कर सकते है? धम्म शिकने के लिए कितना वक्त जरुरी है? क्या उसे समझने के लिए ३ साल लगते है?
जिस ढंग से इन टिव्ही पर चालू है अगर वैसा ही प्रचार आगे भी चालू रहे तो बुद्धिज़्म को फैलाना तो दूर ही रहा उसे समझ पाना भी मुस्किल होगा. मिडिया दुधारी तलवार है, उसे चलाना आता है तो वह हमें बचाएगा, नही तो हमारी ही मुंडी छाटेगा. अनपढ़ गवार लोग मिडिया को खड़ा कर सकते है पर उसे चलाने, उसका उद्धेश साध्य करने के लिए जीस बुद्धिमत्ता का होना जरुरी है, वह मेरे नजर में अभी तक तो नही है. बौद्ध लोगों ने इन टिव्ही पर प्रचारित विचारों को सही समझने की गलती नही करनी चाहिए, यही मेरी जनता से अपील है.
एक तरफ हिंदुधर्म प्रचारक सत्यनारायण गोयनका का प्रवचन और दूसरी तरफ दीक्षाभूमि पर भीम महोत्सव का आयोजन, यह दोंनो कार्य लार्ड बुद्ध टीवी कर रही है. उन्हें हिन्दुधर्म का प्रचार ही करना है तो अपने टीवी पर करे लेकिन दीक्षाभूमि पर क्यों? एकतरफ राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ के साथ वफ़ादारी तो दूसरी तरफ बुद्ध के साथ मैत्री, यह गोयनका का चरित्र रहा है. जो खुद हिंदु है, क्या वह धम्म प्रचारक भी है? कैसे? लार्ड बुद्ध टीवी वाले बाबासाहब को भी सही कहते और सत्य,नारायण गोयनका को भी सही समजते है जो कभी भी एक विचारों के नही रहे है. क्या यह टीवी धम्म प्रचार करना चाहती है या मजाक करना चाहती है?
एक तरफ हिंदुधर्म प्रचारक सत्यनारायण गोयनका का प्रवचन और दूसरी तरफ दीक्षाभूमि पर भीम महोत्सव का आयोजन, यह दोंनो कार्य लार्ड बुद्ध टीवी कर रही है. उन्हें हिन्दुधर्म का प्रचार ही करना है तो अपने टीवी पर करे लेकिन दीक्षाभूमि पर क्यों? एकतरफ राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ के साथ वफ़ादारी तो दूसरी तरफ बुद्ध के साथ मैत्री, यह गोयनका का चरित्र रहा है. जो खुद हिंदु है, क्या वह धम्म प्रचारक भी है? कैसे? लार्ड बुद्ध टीवी वाले बाबासाहब को भी सही कहते और सत्य,नारायण गोयनका को भी सही समजते है जो कभी भी एक विचारों के नही रहे है. क्या यह टीवी धम्म प्रचार करना चाहती है या मजाक करना चाहती है?
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